सत्तापक्ष की गुंडई आई सामने,पूर्व सांसद हरिओम पांडेय व विधायक बाबा गोरखनाथ ने जमकर उड़ाई आचार संहिता की धज्जियां

उत्तर प्रदेश में इस समय कुछ विधान सभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे है.इस उप चुनाव में अपनी हाजरी दर्ज करवाने को लेकर गैर विधान सभा क्षेत्र के नेता और विधायक भी प्रचार अभियान का हिस्सा बन रहे है.इसी कड़ी में जनपद अयोध्या के मिल्कीपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक बाबा गोरखनाथ व पूर्व सांसद हरिओम पाण्डेय भी अपनी दस्तक दर्ज करवाने जिला अम्बेडकर नगर क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र जलालपुर पहुंच गए.लग्जरी गाड़ियों और बैनर पोस्टर के साथ लगी गाडियो से पहुंचे।
इन दोनों लोंगो को देख विपक्षियों ने शिकायत सेक्टर मजिस्ट्रेट व पुलिस से किया.इसके बाद मौके पर आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने वाले इन दो लोंगो को समझाने पहुंचे सेक्टर मजिस्ट्रेट व पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गई.अपनी गरिमा और जिला अयोध्या की धाक जमाने की कोशिश कर रहे बाबा गोरखनाथ के सत्ता के नशे में चूर हरिओम पांडेय पुलिस और सेक्टर मजिस्ट्रेट से भिड़ गए,चुनाव आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे इन दोनों लोंगो ने सत्ता पक्ष के नशे में अधिकारी और पुलिस कर्मियों को भी नही बक्शा ,बात हाथापाई तक भी आ जाती लेकिन मौके पर मौजूद स्थानीय लोंगो के बीच बचाव से मामला तो टल गया,लेकिन इन दोनों की खुलेआम गुंडई की चर्चा आज भी घटना क्षेत्र
विधान सभा क्षेत्र जलालपुर के नेमपुर में जारी है.
आखिर सवाल उठता है कि जिलानिर्वाचन अधिकारी का आदेश किसके लिये ?
सब हवा हवाई या काग़ज़ी.जलालपुर विधानसभा में हो रहे उपचुनाव मे विपक्ष द्वारा लगातार कहा जाता रहा कि यहां प्रशासन चुनाव लड़ रहा है भाजपा की तरफ़ से ?लेकिन कोई नही सुन रहा है.अब भी बाहरी लोगों का भाजपा के चुनावी कार्यालय पर जलालपुर मे जमावड़ा लगा हुआ है.अय जनपदों के शातिर और अपराधी भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष का हिस्सा बन रहे है. वीआईपी नेता वारदात को समझने के बाद भी उल्टे प्रशासन पर रौब झाड़ रहे है.क्या यही निष्पक्ष चुनाव और आदर्श संहिता की परिभाषा है.
सवाल जो भी हो लेकिन सत्ता पक्ष की हनक अम्बेडकर नगर के जलालपुर विधान सभा क्षेत्र में खुले आम देखी जा रही है.जिला प्रशासन मौन है.चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी जबरिया गुंडई के बल पर वोटरों को धमकाने का सिलसिला यहां जारी है.जबकि कल शाम से ही उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार खत्म हो गया है.तो आज भाजपाइयों का चुनाव अभियान क्यों जारी है.
