इलाहाबाद विश्वविद्यालय: अनुशासनहीनता पर नेहा यादव को किया निलंबित

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर रामसेवक दुबे ने बीबीसी को बताया कि नेहा यादव सिर्फ़ दो साल से ही यहां की छात्रा हैं लेकिन इस दौरान उनके ख़िलाफ़ अनुशासनहीनता की कई शिकायतें मिली हैं.
उनका कहना है, “छात्रावास में अनुशासनहीनता करना और कराना इनका काम है. देर रात छात्रावास में जाना, गार्ड्स से दुर्व्यवहार करना जैसे तमाम आरोप हैं. ये पहला मामला है जबकि 70-80 छात्राओं ने किसी के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत दी है.”
वहीं नेहा यादव का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनके ख़िलाफ़ दुर्भावना से काम कर रहा है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रावासों में से वॉशआउट की कार्रवाई का कुछ छात्र ये कहकर विरोध कर रहे थे कि उन्हें कुछ दिन और रहने की छूट दे दी जाए क्योंकि आने वाले दिनों में यूजीसी की परीक्षा है
एकेडमिक सत्र समाप्त होने पर प्रशासन छात्रावासों को खाली करा रहा था. नेहा यादव और कई अन्य छात्राएं इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही थीं. आरोप है कि इस आंदोलन की वजह से सड़क पर जाम लग गया और प्रशासन को जाम हटाना पड़ा.
प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर दुबे बताते हैं कि नेहा यादव की पहले भी कई ऐसे मामलों में संलिप्तता रही है जिन्हें अनुशासनहीनता की परिधि में रखा जा सकता है. इसीलिए उन्हें निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस दिया गया. धरना-प्रदर्शन में शामिल तमाम दूसरी छात्राओं के ख़िलाफ़ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर रामसेवक दुबे कहते हैं, “इस मामले में कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस पर कुलपति ने क्या कार्रवाई की है, ये उनके जवाब के बाद पता चलेगा.”
वहीं नेहा यादव का कहना है कि उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह बेबुनियाद हैं.
