July 27, 2024

सुप्रभात-सम्पादकीय :पुलवामा में सीआरपी काफिले पर हुये आतंकी हमले पर त्वरित टिप्पणी

0

साथियों ! आजादी के समय से कश्मीर को लेकर पैदा हुई समस्या राजनैतिक इच्छा शक्ति के अभाव एवं वोट की राजनीति के चलते समाप्त होने की जगह दिनोंदिन विकराल हो कर आतंकवाद के रूप में देश के लिए खतरा बनती जा रही है। कश्मीर समस्या के बहाने हमारे अपने देश में ही बैठे हुए कश्मीरी राजनेता राष्ट्रीयता को भूल कर के आतंकवाद और आतंकवादियों को संरक्षण देकर उनके मनोबल को बढ़ा रहे हैं। जैसा कि सभी जानते हैं कि जम्मू कश्मीर की अधिकांश आम जनता भारत को अपना देश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीयता से ओतप्रोत होकर देश के साथ खड़ी है। जम्मू कश्मीर में चंद लोग ही ऐसे हैं जोकि भारत को नहीं बल्कि पाकिस्तान को अपना बाप मानते हैं और इन्हीं लोगों के चलते आज जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरा देश आतंकी घटनाओं से जल रहा है। अब तक भारत के खिलाफ अघोषित आतंकी युद्ध हमारे अपने पड़ोसी देश की सर जमी पर फल फूल और पैदा हो रहा था। लेकिन इधर हमारे पड़ोसी दुश्मन देश ने हमारी नींद को हराम करने के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर में भी भारत विरोधी मानसिकता को जागृत कर इस्लाम के नाम पर वहां के लोगों को भड़का कर उन्हें आतंकवाद की तरफ प्रेरित करने लगा है। पिछले कई वर्षों से हुई आतंकी घटनाओं को अगर गौर से देखा जाए तो उसमें शामिल आतंकियों में पाकिस्तान से ज्यादा जम्मू कश्मीर के ही लोग आतंकी के रूप में सामने आ रहे हैं। सभी जानते हैं जम्मू कश्मीर में तमाम ऐसे लोग बैठे हैं जो राजनीतिक पार्टियां बना कर एक तरफ तो भारत की सर जमी पर रहते खाते पीते और मौज करते हैं लेकिन रुपया कमाने के चक्कर में देश विरोधी ताकतों से पैसा लेकर के उनके इशारे पर आतंकियों के खिलाफ होने वाली सेना की कार्रवाई का विरोध करते हैं। सभी जानते हैं कि पिछले कई वर्षों से इन्हीं राजनीतिक दलों के लोग सेना पर पत्थर मारने वालों को भूला भटका बता कर उन्हें बचाने एवं संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। अगर जम्मू कश्मीर के यह चंद लोग राष्ट्र विरोधी हरकतों से अलग होकर आतंकियों को संरक्षण देना बंद कर दें तो फिर देश विरोधी तत्वो को हमारे देश में घुसने और घुसकर तबाही कराने या करने का अवसर न मिले लेकिन दुख इस बात का है कि जम्मू कश्मीर के यह तथाकथित राजनेता हमेशा देश विरोधी ताकतों को संरक्षण देते हैं और अपने यहां आतंकियों को संरक्षण ही नहीं बल्कि उन्हें प्रशिक्षित करने का स्थान मुहैया कराते हैं। हमारी सेना के देशभक्त रणबांकुरे आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से ही इन देश विरोधी ताकतों एवं आतंकियों से लड़कर अपनी जान की कुर्बानी देकर देश की आन बान की रक्षा करने में मुस्तैद हैं। लेकिन राजनीति के ही चलते अब तक उनके हाथ बंधे हुए थे और उन्हें गोली चलाने की अनुमति नहीं थी किन्तु इधर हमारी सरकार ने सेना के बंधे हुए हाथों को मजबूर होकर खोल दिया है और इधर वह वह पूरे मनोयोग से जम्मू कश्मीर में उनके सफाए के लिए ऑल आउट अभियान चला रही है। और इस अभियान के तहत आतंकियों की सफाई का अभियान चला रही है जिससे देश विरोधी ताकतों एवं आतंकियों में खलबली मच गई है। इधर हमारी सेना ने पहली बार दुश्मन की सीमा में घुस कर आतंकी गतिविधियों और आतंकियों का सफाया भी किया है जिससे आतंकियों के संरक्षक हमारे पड़ोसी देश की नींद हराम हो गई है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान लगातार अपने यहां पर तमाम आतंकी संगठनों को आतंकवाद फैलाने का अवसर प्रदान कर रहा है इतना ही नहीं हमारा पड़ोसी आतंकियों को प्रशिक्षण कर उन्हें हथियार उपलब्ध कराकर अपनी सेना के माध्यम से हमारे देश में घुसपैठ करा रहा है। अगर यह कहा जाए तो सही होगा कि अगर आतंकवाद को समाप्त करना है तो पाकिस्तान को समाप्त करना अनिवार्य जैसा हो गया है। आज पाकिस्तानी आतंकी दुनिया में तबाही मचा रहे हैं और चंद देशों को छोड़कर बाकी पूरी दुनिया के लोग यह मानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद की जननी है जहां से आतंकवाद को दुनिया में फैलने बढ़ने और तबाही कराने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। पाकिस्तान स्थित जौस मोहम्मद आतंकी संगठन दुनिया में अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए जगजाहिर है। अभी पिछले दिनों हमारी सेना इस आतंकी संगठन के कई महत्वपूर्ण लोगों को मुल्के अदम पहुंचा चुकी है जिससे इस संगठन में खलबली मच गई है और अभी पिछले दिनों इस संगठन के पाकिस्तान में हुए एक कार्यक्रम में इसका बदला लेने का ऐलान कर चुके हैं। इतना ही नहीं अभी पिछले ही दिनों इस संगठन का सरगना दो आतंकियों के साथ कश्मीर में घुस चुका है इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दे दी गई है।कल दोपहर बाद इसी संगठन के आतंकियों ने कश्मीर के पुलवामा में एक बड़ी घटना को अंजाम देकर पूरे देश में मातमी एवं गुस्से का माहौल पैदा कर दिया गया है। इस संगठन के एक आतंकी हमले में हमारे 44 सुरक्षा बल के बहादुर नौजवान शहीद हो चुके है। यह हमला उस समय किया गया जबकि सीआरपी के करीब ढाई हजार जवान वाहनों के काफिले के साथ गुजर रहे थे। सेना के वाहनों के काफिले के बीच आतंकी गोला बारूद से भरी कार को लेकर के बीच में घुस गया फल स्वरूप उसके साथ साथ सेना के जवान पलक झपकते ही शहीद हो गए और वाहनों के चिथड़े उड़ गए। इस भयंकर विस्फोट के बाद आतंकियों द्वारा सुनियोजित ढंग से गोलियों से हमला भी किया गया। इस हमले में मारे गए अधिकांश सैनिक विस्फोट की जगह गोलियों से मारे गये है।इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी पाकिस्तान के नहीं बल्कि काश्मीर के पुलवामा के रहने वाले हैं। इसका मतलब साफ होता है की यह घटना मात्र एक आतंकी या कार के सहारे नहीं बल्कि पूर्व नियोजित ढंग से स्थानीय आतंकियों के सहारे की गई है। इस घटना के बाद पूरे देश में एक गुस्से का माहौल पैदा हो गया है और चारों तरफ इस घटना की निंदा ही नहीं हो रही है बल्कि देश इन आतंकियों से तुरंत बदला लेने की बात कह रहा है। आज हम सबसे पहले इस आतंकी घटना में शहीद अपने भारत मां के सच्चे सपूत सैनिकों को सैल्यूट मार कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं और हम शहीद परिवार के लोगों को बताना चाहते हैं कि उनकी इस मुसीबत की घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ है क्योंकि इस हमले में शहीद सैनिक आपके परिवार के हीं नहीं बल्कि पूरे देश के परिवार से जुड़े हुए हैं। हम ईश्वर से इस घटना में शहीद हुए सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए तथा इस अपार दुख की घड़ी में इस अपार दुख को सहने की शक्ति उनके परिजनों को देने की कामना करते हैं। आज इस हमले के बाद एक बार फिर देशवासियों के गुस्से का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है और तत्काल इसका बदला चाहते हैं। हालांकि हमारी सेना के लोग घटना के बाद से ही पूरे मामले की जांच पड़ताल में लग गए हैं और सेना एवं सरकार से जुड़े लोग मौके पर पहुंच चुके हैं या पहुंचने वाले हैं। सवाल यहां पर अधिकारियों एवं सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रियों के पहुंचने का नहीं है बल्कि सवाल तो यहां पर इस बात का है कि पड़ोसी देश में बैठे आतंकियों का सफाया कैसे किया जाए? इसके साथ ही अब यह भी सोचने का समय आ गया है कि जो राजनेता अथवा राजनीतिक दल या काश्मी हमारे देश में रहकर हमारी सुरक्षा कवच के सहारे जिंदा हैं उनकी सुरक्षा कवच तत्काल वापस ले लेना चाहिए और जो भी संगठन अथवा उनके नेता अथवा नागरिक आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो उनका सफाया होना चाहिए। जो लोग इन आतंकियों को संरक्षण और समर्थन देते हैं तथा आतंकियों पर गोली चलाने का विरोध करते हैं उन्हें हमारी सरजमीं पर रहने का कोई हक नहीं है और ऐसे लोगों का सफाया जरूरी हो गया है। आखिर हम कब तक राजनीति के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देते रहेंगे, आखिर कब तक हमारी सेना और भारत मां के सच्चे सपूत आतंकवादी बलिवेदी पर शहीद होते रहेंगे? आजादी के 60 साल पूरे हो चुके हैं इतने दिनों बाद भी हम कश्मीर की समस्या का निदान पूरी तरह से नहीं कर पाए हैं। हम आजादी के बाद से शुरू हुए जिहादी आतंकवाद को कम करने की जगह बढ़ाते जा रहे हैं और वह मात्र उन चंद लोगों की वजह से जो राजनीतिक लाबादा ओढ़कर देश के खिलाफ आतंकी युद्ध चलाने वालों को समर्थन दे रहे हैं। जो लोग इस्लाम के नाम पर इन आतंकी गतिविधियाँ चला रहे है उन्हें यह जान लेना चाहिए कि इस्लाम में हिंसा करने और आतंकवाद फैलाने की कोई व्यवस्था नहीं है इस्लाम भी मिलजुल कर अमन चैन के साथ रहने का पैगाम देता है। देश दुनिया में आतंकवाद फैला रहे लोगों को समझ लेना चाहिए कि खुदा बनकर बेगुनाही का खूब बहाने वालों को खुदा कभी माफ नहीं करता है।
[लेखक -भोलानाथ मिश्र वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी रामसनेहीघाट,बाराबंकी यूपी]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News