एक थे फरहान….जिनकी आवाज अब खामोश हो गई ,पत्रकार सामाजिक संगठनों व राजनीतिक लोगों में शोक

मवई(अयोध्या) : कुछ लोग भीड़ में नहीं गिने जाते, वे पहचान बन जाते हैं। फरहान खां उन्हीं में से एक थे। सच बोलना जिनकी आदत थी, सवाल करना जिनकी फितरत और अन्याय के खिलाफ खड़ा होना जिनका स्वभाव। रविवार की शाम आई एक दर्दनाक खबर ने मवई क्षेत्र को सन्न कर दिया। वह आवाज, जो समाज की नब्ज पर हाथ रखती थी, अचानक खामोश हो गई।

मवई थाना क्षेत्र के नए पुरवा सिपहिया कोटवा गांव निवासी पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता फरहान खां (30) संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले। लहुलुहान हालत में उन्हें सीएचसी मवई लाया जा रहा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। खबर मिलते ही सीएचसी मवई में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। हर आंख नम थी,हर चेहरा गमगीन।फरहान सिर्फ एक नाम नहीं थे, वे एक सोच थे। हिन्दू-मुस्लिम मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में उनकी दोनों संप्रदायों में समान पकड़ थी। वे मजहब से पहले इंसानियत को रखते थे। राजनीतिक रूप से समाजवादी पार्टी से उनका गहरा जुड़ाव था, लेकिन भाजपा, कांग्रेस और बसपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं से भी उनके अच्छे संबंध थे।
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फरहान सवाल सत्ता से करते थे, लेकिन रिश्ते सभी से निभाते थे।निष्पक्षता, निर्भीकता और बेबाक लेखनी उनकी पहचान थी। सामाजिक अन्याय हो या जनसमस्याएं फरहान कभी चुप नहीं रहे। युवाओं में उनकी खास पकड़ थी, क्योंकि वे बोलते वही थे जो सोचते थे। कम उम्र में उन्होंने जो भरोसा और सम्मान अर्जित किया, वह वर्षों की मेहनत और ईमानदारी का नतीजा था।उनके निधन की सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधियों और सामाजिक लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया।

मवई ब्लॉक प्रमुख व भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजीव तिवारी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख निशात अली खां सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने इसे क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

आज मवई ने सिर्फ एक पत्रकार या सामाजिक कार्यकर्ता नहीं खोया, बल्कि एक ऐसा पुल खो दिया जो समाज, राजनीति और इंसानियत को जोड़ता था। लोग बस यही कहते नजर आए।एक थे फरहान… जो चला गया, मगर अपने सवाल, अपनी सोच और अपनी आवाज छोड़ गया।इनके निधन की सूचना मिलते रुदौली विधायक पुत्र आलोक यादव भी मौके पर पहुंच अपनी संवेदना व्यक्त की।इसके अलावा समाजसेवी विनोद सिंह भाजपा नेता सर्वजीत सिंह रघुनंदन चौरसिया पूर्व विधायक सैय्यद अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां मो0 अली चौधरी शहरयार आतिर मसूद खां फुल्लू खां गुड्डू खां महमूद अहमद धर्मेंद्र सिंह सुजीत सिंह गंगा द्विवेदी प्रह्लाद तिवारी प्रवेश पांडेय अनिल मिश्र राकेश यादव पप्पू यादव रमेश यादव यतीन्द्र पांडेय पुष्पराज रस्तोगी बाबू अली खां मुनीर अंसारी मुज्तबा खां नफीश खां ज्ञानचंद्र सक्सेना जगदंबा श्रीवास्तव ज्ञानचंद्र चौरसिया अनिल पाण्डेय एडवोकेट अरशद शेरा अनवर जमाल शाहिद खां नजमी खां मैनुद्दीन खां गुल्लू सिंह भानु यादव सुरजीत सुनील मिश्र संतोष यादव राजेश यादव शमीम अहमद मजहर जुनेद अहमद त्रिलोकी रज्जन जगन्नाथ यादव राजेश शर्मा सहित अन्य लोगों ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।

