आस्था सभ्यता और मानवता के सहस्राब्दी इतिहास में आज जुड़ रहा है एक स्वर्णिम अध्याय , जानें क्यों खास है आज का भगवा आरोहण ?
आज अयोध्या का आकाश सिर्फ आसमान नहीं, सनातन संस्कृति की अडिग आत्मा का विराट कैनवास बनने जा रहा है।

अयोध्या : दुनिया की प्राचीनतम सांस्कृतिक धरोहरों में से एक सनातन सभ्यता आज अपने गौरव के चरम शिखर पर एक नई पहचान दर्ज करने जा रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों से तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डा0 मोहनभागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति में विश्वभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का ध्रुवतारा श्री अयोध्या धाम आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा।आज ‘राष्ट्र मंदिर’ श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक भव्य भगवा ध्वज आकाश को चीरता हुआ लहराएगा।

यह ध्वजारोहण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं,यह सभ्यता के पुनरोदय का शंखनाद है।यह मानवता की आत्मा का उद्घोष है कि सत्य अजेय है, धर्म अमर है और संस्कृति अक्षुण्ण है।श्रीराम के ध्वज का यह आरोहण बताता है कि जिस राष्ट्र ने शांति को अस्तित्व का आधार और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को जीवन का मंत्र बनाया, उस राष्ट्र की आत्मा आज और अधिक आलोकित हो रही है।यह सिर्फ एक पताका नहीं बल्कि यह वह शाश्वत शक्ति है जिसने हर युग में अन्याय के तमस को भेदकर धर्म के प्रकाश को सुरक्षित रखा।यह वह अमर प्रतीक है जिसने भारतीयता को युगों तक जीवित रखा।और आज, उसी शक्ति का विराट स्वरूप विश्वभर के आसमान में गूंजने जा रहा है।अयोध्या का यह ऐतिहासिक क्षण सिर्फ भारत का नहीं बल्कि यह मानव सभ्यता का पर्व है विश्वशांति का संदेश है और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का वैश्विक उत्सव है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम के एक दिन पूर्व ही अयोध्या पहुँचकर तैयारियों का जायजा ले रहे है और सब कुछ बेहतर करने में जुटे रहे।

आज के शुभदिवस पर मवई ब्लॉक प्रमुख राजीव तिवारी ने कहा विश्व सभ्यता के पन्नों में आज भारत एक ऐसा स्वर्णाक्षरी अध्याय जोड़ने जा रहा है, जिसे आने वाली कई पीढ़ियाँ गर्व से पढ़ेंगी और जानेंगी।अयोध्या धाम में आज वह क्षण उतरेगा, जिसका इंतज़ार करोड़ों लोगों ने सदियों तक किया।इन्होंने कहा कि अयोध्या जहाँ हर कण में मर्यादा, त्याग, तप, साहस और धर्म की गाथाएँ गूँजती हैं। आज उसी पवित्र भूमि पर इतिहास एक नई दिशा लेने को तैयार है।

अयोध्या के आंगन में अपने बचपन से लेकर पूरी जवानी गुजारने वाले कोठा मंदिर छोटी छावनी के निवासी रामभक्त पंडित शिव कुमार मणि त्रिपाठी ने गर्व से कहा कि आज जब ध्वज अयोध्या के आकाश में लहराएगा, तो वह केवल हवा में ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों के हृदय में लहराएगा।उनकी प्रार्थनाओं में, संघर्ष की स्मृतियों में, संस्कृति के गर्व में और हर उस आत्मा में जो अपने भीतर राम के आदर्शों को जीवित रखना चाहती है।इन्होंने कहा कि आज का यह क्षण बताता है कि धर्म कभी हारता नहीं। संस्कृति कभी मिटती नहीं। और सत्य का सूर्य सदा उदित होता है।

