गोठवारा गांव में उमड़ा भक्ति का सागर , नंद घर आनंद भयो…से गूंजा वातावरण
श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग पर झूमे श्रद्धालु,कथा के चौथे दिन कथा व्यास सुरेंद्र जी महाराज के प्रवचन ने किया भावविभोर

अयोध्या ! जिले के सोहावल व मिल्कीपुर सीमावर्ती क्षेत्र के ग्राम गोठवारा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को चतुर्थ दिवस पर भक्ति और आनंद का संगम देखने को मिला। कथा प्रवर सुरेंद्र जी महाराज ने अत्यंत भावपूर्ण ढंग से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया, जिसे सुनकर पूरा पंडाल “जय कन्हैया लाल की” के जयघोषों से गूंज उठा।कथा के दौरान महाराज ने बताया कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की स्थापना करते हैं। अत्याचारी कंस के आतंक से त्रस्त मथुरा नगरी में जब देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, उस क्षण का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि रात का तीसरा प्रहर था, नभ में नक्षत्र मुस्कुरा रहे थे, बंदीगृह में अचानक प्रकाश छा गया और उसी तेजोमय क्षण में स्वयं विष्णु ने बालक रूप में जन्म लिया।जन्म प्रसंग का भावनात्मक वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। जब कथा प्रवर ने “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…” का भजन सुनाया, तो श्रद्धालु नृत्य करते हुए झूम उठे। महिलाओं ने थाल सजाकर आरती उतारी, बच्चों ने श्रीकृष्ण की झांकी को सजाया और पूरा पंडाल भक्ति रस में डूब गया।आयोजक श्रीमती सरिता सिंह एवं अमित सिंह (आरटीओ) ने बताया कि कथा का उद्देश्य समाज में प्रेम, सद्भाव और धर्म के प्रति जागृति लाना है।मुख्य यजमान शिवकुमारी सिंह एवं शंकर बक्श सिंह ने परिवार सहित विधिवत पूजा-अर्चना की और भगवान श्रीकृष्ण से विश्व कल्याण की कामना की।कथा स्थल पर दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन का आनंद लिया। कथा के पश्चात सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।सुरेंद्र जी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह जीवन में धैर्य, भक्ति और कर्म की सीख देता है। उन्होंने कहा कि जिस क्षण मनुष्य अपने भीतर के कंस को जीत लेता है, उसी क्षण उसके भीतर श्रीकृष्ण का जन्म होता है।

आज का प्रसंग : गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव
शनिवार को कथा के पांचवें दिन गोवर्धन लीला और अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा। कथा प्रवर सुरेंद्र जी महाराज भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला का वर्णन करेंगे। कथा स्थल पर विशेष भजन संध्या और अन्नकूट प्रसाद का भी आयोजन होगा।

