सामूहिक दुर्दुरिया : कसारी गांव में मातृशक्ति भक्ति और लोक परंपरा का अनूठा संगम देखने उमड़ा पूरा क्षेत्र
कसारी गांव में ‘दूर-दुरिया’ सामूहिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन, 88 सुहागिनों ने एक साथ गाए पारंपरिक गीत

मवई (अयोध्या)। श्रद्धा, आस्था और लोक परंपरा का अद्भुत संगम गुरुवार को मवई ब्लॉक क्षेत्र के कसारी गांव में देखने को मिला। औसान माता मंदिर प्रांगण में मातृशक्ति के सम्मान में आयोजित पारंपरिक ‘दूर-दुरिया’ सामूहिक कार्यक्रम ने पूरे गांव का माहौल भक्ति और उल्लास से भर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रोली सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी 11 समूहों की 88 सुहागिन महिलाओं ने सामूहिक रूप से दूर-दुरिया गीत गाते हुए पूजा-अर्चना की। भक्ति और लोकसंगीत की मधुर लहरों से पूरा औसान माता प्रांगण गूंज उठा।कार्यक्रम के आयोजक अधिवक्ता दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में मातृशक्ति के महत्व को रेखांकित करना और परंपरागत लोक संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि गांव की माताएं और बहनें आज भी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं।ऐसे आयोजन समाज में एकता श्रद्धा और सांस्कृतिक जागरूकता को मजबूत करते हैं।मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रोली सिंह ने कहा कि “महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। जब महिला सशक्त होती है, तब पूरा समाज सशक्त होता है। ऐसे आयोजन हमारी संस्कृति की जीवंत मिसाल हैं, जो श्रद्धा और परंपरा को जोड़ते हैं।”
वृक्षारोपण से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि आलोक सिंह (रोहित) ने औसान माता प्रांगण में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और मातृशक्ति के सम्मान का संदेश दिया।इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य सुमन पासवान ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं की भागीदारी समाज के विकास की दिशा तय करती है।कार्यक्रम में अमर तिवारी, रामकिशोर शुक्ला, नारायण बक्श सिंह, बब्बन सिंह, श्रवण सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

“कसारी गांव में दिनभर भक्ति, लोकगीतों और मातृशक्ति के सम्मान का उत्सव चलता रहा। महिलाओं की सामूहिक आस्था ने यह संदेश दिया कि श्रद्धा और संस्कृति का संगम ही भारतीय समाज की सबसे बड़ी पहचान है।मातृशक्ति के सम्मान और संस्कृति के संरक्षण का संदेश”

