November 1, 2025

सीरत-ए-रसूल अपनाने से संवर जाते हैं दोनों जहां : मौलाना अमीनुल कादरी,मवई चौराहे पर जश्ने रहमत-ए-आलम का भव्य जलसा सम्पन्न,

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मवई चौराहे पर जश्ने रहमत-ए-आलम का भव्य जलसा सम्पन्न,नौजवानों से नेक राह पर चलने की अपील

मवई(अयोध्या) ! विकासखंड मवई के पटरंगा रोड स्थित मवई चौराहे पर अंजुमन आशिकाने रसूल की ओर से गुरुवार की रात जश्ने रहमत-ए-आलम का भव्य प्रोग्राम बड़े अकीदत और एहतराम के माहौल में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम में मालेगांव (महाराष्ट्र) से तशरीफ लाए मुल्क के नामवर आलिम-ए-दीन मौलाना सैयद अमीनुल कादरी ने सीरत-ए-रसूल पर रोशनी डालते हुए कहा कि “जो शख्स सीरत-ए-रसूल को अपनाता है, उसके संवर जाते हैं दोनों जहां। अल्लाह पाक ने हजरत मोहम्मद को दुनिया में रहमत बनाकर भेजा है, जिन्होंने इंसानियत, मोहब्बत और बराबरी का पैग़ाम दिया और अपनी ज़िंदगी से उस पर अमल कर दुनिया को मिसाल पेश की।

मौलाना कादरी ने बड़ी संख्या में मौजूद नौजवानों से मुखातिब होकर कहा कि नौजवानों तुम नबी के उम्मती हो। गलत राहों में मत भटको। याद रखो, कब्र में तुम्हारे साथ न माल जाएगा, न रिश्तेदार।सिर्फ तुम्हारे नेक आमाल ही काम आएंगे। आख़िरत में रहमतुल्लिल आलमीन ही तुम्हारी मदद करेंगे। इसलिए उनके बताए रास्ते पर चलो, ताकि दुनिया में कामयाबी और आखिरत में निजात हासिल हो।उन्होंने कहा कि हमारे नबी वह नबी हैं जिन्होंने इंसानों, मोमिनों, जानवरों यहां तक कि कीड़ों-मकोड़ों तक पर रहमत की। जो उनके नक्शे-कदम पर चलेगा, उसके लिए दोनों जहान में भलाई ही भलाई है।मौलाना ने यह भी कहा कि “मां-बाप की सेवा सबसे बड़ी इबादत है। उनकी खिदमत से दुनिया में बरकत और आख़िरत में निजात मिलती है।उन्होंने कहा कि हमारे नबी का जीवन एक संपूर्ण नियम है अगर उम्मत इसका पालन करे तो समाज से अत्याचार नफरत अज्ञानता मिट जाएगी।उन्होंने उपस्थित लोगों से मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को अपने जीवन में शामिल करने की सलाह दी।कार्यक्रम की सदारत मौलाना रिजवान साहब ने की, जबकि कारी जलालुद्दीन ने मंच संचालन किया।मशहूर शायर इस्तियाक रहबर (कोलकाता) ने अपनी नातिया कलाम से समा बांध दिया, जिन्हें सुनकर लोग “सुब्हानअल्लाह” के नारों से झूम उठे।जलसे की शुरुआत पवित्र कुरआन पाक की तिलावत से हुई और समापन सामूहिक दुआओं और सलामती की दुआ के साथ हुआ।कार्यक्रम में कमेटी के सदर सैय्यद सहीर अशरफ, नायब सदर मास्टर रहमत अली, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बसौढी शाकिब अली खान, जलसा कमेटी के व्यवस्थापक जैनुल आबदीन, रिजवान खां, शाहरुख शेख, शराफत हुसैन, मोहम्मद रज़ी, मोहम्मद रिहान और कमरुज्जमा सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।रूहानी माहौल में सम्पन्न यह जलसा देर रात तक चलता रहा।जहां हर लब पर एक ही सदा गूंज रही थी।रहमतुल्लिल आलमीन जिन्दाबाद।

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