अयोध्या : 14 कोसी परिक्रमा में रामनगरी की सड़कों पर दिखा भक्ति और वेदना का अद्भुत संगम ,पढ़े पूरी खबर
आस्था बनाम अव्यवस्था : कीचड़, गिट्टी और बारिश के बीच भी नहीं डिगी श्रद्धा – दर्द के पग बढ़ते रहे रामनाम के संग 
रामनगरी की भीगी धरती आज हर कदम पर एक कथा कह रहा है कि दर्द भी है, लेकिन उससे बड़ी है श्रद्धा।

अयोध्या ! रामनगरी की सड़कों पर इन दिनों भक्ति और वेदना का अद्भुत संगम दिखाई दे रहा है। देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की 14 कोसी परिक्रमा में डटे हुए हैं। रास्ते बता रहे हैं कि डगर कठिन है, पर आस्था बता रही है कि “हम रुकेंगे नहीं।”बारिश ने जहां परिक्रमा मार्ग को कीचड़ और गिट्टी से लथपथ कर दिया है, वहीं अफसरों और ठेकेदारों की संवेदनहीनता ने श्रद्धालुओं की कठिनाई को और बढ़ा दिया है।बलुई दोमट मिट्टी से कई स्थानों पर सड़कें दलदल में बदल चुकी हैं।परिक्रमार्थियों के कोमल पग कीचड़ में धंसते हैं, दर्द से फूले हुए पैर पीड़ा देते हैं, लेकिन फिर भी भक्तों के होंठों पर केवल एक ही नाम गूंजता है -“जय श्रीराम!”भारी फिसलन, गड्ढों और पानी से भरे मार्ग के बावजूद श्रद्धालु व्रत, भक्ति और विश्वास के सहारे अपनी यात्रा जारी रखे हुए हैं।यह दृश्य सिर्फ परिक्रमा नहीं, बल्कि आस्था की अदम्य शक्ति और मानवीय जिजीविषा का सजीव प्रमाण बन गया है।

सवाल उठ रहे हैं , कि प्रशासनिक तैयारियों के दावे आखिर कहां गए..? परिक्रमार्थियों की पीड़ा देखकर यही लगता है कि “जहां व्यवस्था थम जाती है, वहां आस्था आगे बढ़ जाती है।”आज रामनगरी की भीगी धरती हर कदम पर एक कथा कह रहा है कि दर्द भी है, लेकिन उससे बड़ी है श्रद्धा और आस्था है।

