अयोध्या नगर निगम के जेई पर 8 लाख रुपये लेने का गंभीर आरोप, जांच की मांग

महापौर पीआरओ के क्यू आर कोड पर भंडारे के नाम पर भेजे गए 10 हजार
अयोध्या : अयोध्या नगर निगम के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) पर ठेकेदार के मैनेजर ने 8 लाख रुपये लेने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में मैनेजर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
वर्क ऑर्डर और बिल भुगतान के लिए मांगी गई रिश्वत?
आरोप है कि नगर निगम के जेई ने वर्क ऑर्डर दिलवाने और भुगतान के लिए बिल पास कराने के नाम पर 8 लाख रुपये लिए। इस मामले में एक वायरल वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कथित रूप से जेई द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड और बैंक खाते का खुलासा हुआ है।
क्यूआर कोड महापौर के पीआरओ के नाम
वायरल वीडियो में दिखाए गए क्यूआर कोड की जब जांच की गई तो वह किसी अखिलेश त्रिपाठी के नाम पर था। जब जेई से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि त्रिपाठी महापौर के पीआरओ हैं।
भंडारे के नाम पर ली गई रकम?
जेई से जब उस क्यूआर कोड पर भेजे गए 10,000 रुपये के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सफाई दी कि यह रकम महापौर द्वारा भंडारे में सहयोग के लिए मांगी गई थी, जिसे ठेकेदार ने भेजा था।
जेई ने आरोपों को बताया निराधार
नगर निगम के जेई ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि जिसका कुल काम ही 8 लाख रुपये का नहीं है, वह इतनी बड़ी रकम रिश्वत के तौर पर कैसे देगा?
मामला उजागर होते ही नगर निगम में हड़कंप
यह मामला मीडिया में आते ही नगर निगम के अफसरों में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने जेई से लेकर महापौर तक को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
हटाए गए पीआरओ अखिलेश त्रिपाठी
मेयर महंत गिरीश पति त्रिपाठी के पीआरओ अखिलेश त्रिपाठी को नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने हटाया, आउटसोर्सिंग कर्मचारी अखिलेश त्रिपाठी को अपर नगर आयुक्त बागीश शुक्ला के साथ किया गया संबद्ध।अखिलेश त्रिपाठी पर अवैध तरीके से मेयर को बदनाम करने का लगा था आरोप।
