August 21, 2025

अयोध्या : विगत 39 वर्षों से जगाते रहे रामनाम की अलख,अब साकार हुआ स्वप्न

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अतीत के झरोखे से

श्रीजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रथम चरण से ही सीमावर्ती गांवो का भी रहा जबरदस्त संघर्ष

राम मंदिर निर्माण की बात करते ही रघुनंदन चौरसिया के आंखों से छलक पड़े आंसू

पटरंगा, अयोध्या ! रामनगरी अयोध्या धाम स्थित श्री रामजन्मभूमि पर दिव्य भव्य राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान होने की स्वर्णिम बेला ज्यों ज्यों नजदीक आ रही है।कारसेवकों के मन मस्तिष्क पर राम मंदिर की यादें जीवंत हो उठी है। हर किसी के पास अपने अपने संस्मरण हैं।जो नई पीढ़ी को मंदिर आंदोलन से परिचित करा रही है। युवा भी आंदोलन के इतिहास से रूबरू होने में रुचि दिखा रहे हैं।वर्ष 1984 से शुरू श्री रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रथम चरण में बहुत से लोगों ने अपना योगदान दिया।जिसमें जिले के पश्चिमी सीमावर्ती गांव पटरंगा मंडी कटघरा सैमसी सिपहिया कोटवा सैदपुर के लोगों का संघर्ष भी जबरदस्त रहा।आज भी राम मंदिर की बात सुनते ही पटरंगा मंडी के रघुनंदन चौरसिया व उनके साथियों का संघर्ष की दास्तां उनके जुबां पर आ जाती है।वे विगत 39 वर्षों से आस पास गांवो के युवा पीढ़ी को रामजन्मभूमि आंदोलन के संघर्षों से रूबरू कराते रहते है।श्री चौरसिया कहते है कि अयोध्या में भव्य दिव्य राम मंदिर निर्माण का सपना वे उनके साथी विगत 39 वर्षों से देख रहे थे।इस दौरान उनके कई कारसेवक साथी परलोक सिधार गए।लेकिन आज उनका सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है।इन्होंने कहा मुझे अपार खुशी है कि राम जी भव्य दिव्य मंदिर बन रहा है और 22 जनवरी को भगवान उसमें विराजमान हो जाएंगे।

रामरथ यात्रा में शामिल आंदोलनकारियों के स्वागत को दौड़ पड़े थे पटरंगावासी

अयोध्या धाम से निकली रामरथ यात्रा को लेकर पटरंगा मंडी वासियों ने रघुनंदन चौरसिया की अगुवाई में जबरदस्त तैयारी की थी।यात्रा जैसे ही मवई चौराहे पर पहुंची पटरंगा मंडी के व्यापारी श्री राम सेठ बनवारी लाल बंका पन्नालाल सेठ ओम प्रकाश मन्ना महाराज बाबा राम आधार आदि के सहयोग से लगभग एक ट्राली लड्डू राशन भोजन आदि लेकर स्वागत को दौड़ पड़े थे।

जेल से छूटने पर पटरंगा मंडी में हुआ भव्य स्वागत

फोटो-जेल से छूटने के बाद पटरंगा मंडी वासियों द्वारा स्वागत की फोटो

पटरंगा मंडी निवासी भाजपा पिछड़ा आयोग के सदस्य रघुनन्दन चौरसिया बताते हैं कि कारसेवा के दौरान वो अपने साथी गिरिजाशंकर मिश्र मन्ना महाराज ओम प्रकाश के साथ दीपावली के एक दिन पूर्व धनतेरस के दिन पहले गिरफ्तार हो गए।इन्हें पटरंगा थाने से बाराबंकी जेल वहां से सुल्तानपुर जिला कारागार भेज दिया गया। एक माह बाद जब छूट कर वापस पटरंगा आए तो मंडी के रामभक्तों ने इन सबका भव्य स्वागत किया।39 वर्ष के राजनीतिक जीवन में ऐसा भव्य स्वागत कभी नहीं हुआ। वह संस्मरण सुनाते हुए उस वक्त का प्रमुख नारा’आगे बढ़ो जोर से बोलो जन्मभूमि का ताला खोलो’सुनाते हुए जय श्रीराम का उद्घोष करते हैं।

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