इलाज के अभाव से पेट में बच्चे की मौत,सुविधा शुल्क न मिलने पर प्रसव पीड़ित महिला को किया रेफर

[नर्स की अमानवीय हरकत की महिला के पति ने सीएचसी अधीक्षक से शिकायत,जांच शुरू]
मिल्कीपुर(अयोध्या)मिल्कीपुर क्षेत्र के डीली गिरधर गांव निवासी एक पीड़ित ने सीएचसी अधीक्षक को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल की दो नर्सों रेशू सिंह एवं अर्चना सिंह के विरुद्ध सुविधा शुल्क न दे पाने पर अस्पताल से चंद कदम दूरी स्थित एक प्राइवेट अस्पताल पर इलाज कराने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने से हाथ खड़ा किए जाने के बाद स्टाफ नर्स के जिला अस्पताल रेफर कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
डीली गिरधर गांव निवासी मुकेश कुमार विश्वकर्मा ने गर्भवती पत्नी करिश्मा के पेट में दर्द होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर में भर्ती कराया । आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्सों ने दो हजार रुपए की दवा सहित अन्य इलाज के सामान बाहर मेडिकल स्टोर से मंगा लिए । थोड़ी देर बाद साथ में मौजूद गांव की आशा बहू के माध्यम से 35 सौ रुपए की मांग महिला के ससुर और राजेंद्र विश्वकर्मा से की गई। राजेंद्र ने यह कहते हुए पैसा देने से हाथ खड़े कर दिए कि वे ज्यादा पैसा लेकर नहीं आए हैं। दोनों नर्सों ने बगल के प्राइवेट नर्सिंग होम भर्ती कराने की बात कही। इसी लापरवाही के चलते प्रसव पीड़ित महिला के पेट में बच्चा भी मर गया। परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक सहित ग्राम प्रधान को घटनाक्रम की जानकारी दी। सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान गिरीश सिंह ने सीएचसी अधीक्षक से वार्ता की। अधीक्षक डॉ. हसन किदवई ने प्रसव पीड़ित महिला के इलाज के लिए दूसरी स्टाफ नर्स को मौके पर भेजा।मामले में पीड़ित महिला के पति मुकेश ने सीएचसी अधीक्षक को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर आरोपी दोनों स्टाफ नर्सों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। वहीं दूसरी ओर अधीक्षक डॉ अहमद हसन किदवई ने बताया कि मामले में शिकायत मिली है।
