June 17, 2025

हरदोई : जिले का बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड का 24 घंटे के अंदर हुआ खुलासा,चेला सहित तीन अभियुक्त हुए गिरफ्तार

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साधु की संपत्ति हथियाने को लेकर की गई थी साधु, उसकी शिष्या व उसके पुत्र की नृशंस हत्या।

पुलिस अधीक्षक ने घटना का खुलासा करने के लिए टडियावा, अतरौली, कोतवाली देहात, सर्विलांस, एसओजी टीम को दी बधाई।

विपिन मिश्रा- ब्यूरो रिपोर्ट

हरदोई ! जिले के टडियावा अंतर्गत कुआंमऊ में 31 अगस्त की रात हीरादास उम्र करीब 70 वर्ष मीरा दास उम्र 65 वर्ष व नेतराम पुत्र हीरा दास उम्र पैंतालीस वर्षीय अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी । तिहरे हत्याकांड की सूचना से प्रदेश स्तर पर सनसनी सी मच गई। आनन-फानन में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एस ऐन सावंत को हरदोई आना पड़ा और उन्होंने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर हरदोई पुलिस को समय सीमा के अंतर्गत उस घटना का खुलासा करने और वास्तविक अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की सख्त हिदायत दी थी । पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के कुशल निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सीईओ हरियावां, टडियावा स्पेक्टर की अगुवाई में 5 टीमें गठित की गई थी। इन पांचों टीमों ने सर्विलांस टीम की मदद ली और घटना की विस्तृत छानबीन की तो मामला संपत्ति विवाद और संपत्ति को हड़पने की वजह से उक्त हत्याकांड को अंजाम देने की बात सामने आई। घटना के अनावरण के दौरान हिस्ट्रीशीटर अपराधी रछपाल पासी पुत्र सुरेंद्र निवासी रोहता पुर थाना मझिला जो मृतक हीरादास के पास 1 वर्ष पूर्व जेल से छूटने के बाद आया था और धीरे-धीरे उनका विश्वास ने भी बन गया था। रक्षपाल ने इसी बीच बाबा हीरा दास का विश्वास जीतकर वह उन्हें गुमराह कर अपने पक्ष में एक फर्जी वसीयतनामा को तैयार कराया, जिसमें दर्शाया गया था कि उसका बेटा बाहर ही रह रहा है और उसका बाबा से कोई मतलब नहीं है। रक्षपाल ने बाबा की संपत्ति का वारिस बनने के लिए उसको हटाने का षड्यंत्र रचा और उसके इस षड्यंत्र में उसके सगे साले संजय पुत्र रामाश्रय निवासी नीर थाना कोतवाली देहात व राजीव पुत्र चंद्र किशन निवासी बंद रहा थाना पिहानी जनपद हरदोई भी शामिल हुए। इन तीनों ही लोगों ने रात के अंधेरे में 31 अगस्त को बाबा की नृशंस हत्या कर दी। महत्वपूर्ण बात यह है कि रक्षपाल इस घटना को अंजाम देने के बाद भी घटनास्थल पर बराबर बना रहा और उसने ग्राम प्रधान को फोन कर बताया कि रात में किसी ने आकर बाबा उनकी शिष्या और उसके पुत्र की नृशंस हत्या कर दिए। लेकिन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार की अगुवाई में बनी पुलिस टीम द्वारा जांच पड़ताल, खोजबीन और विभिन्न स्रोतों से जुटाई गई जानकारी व क्रॉस क्वेश्चन से वह बच नहीं सका और अंततोगत्वा उसने अपना गुनाह कुबूल कर दिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त खून से सनी के एक पोटली में अभियुक्त की टीशर्ट घटना में मोटरसाइकिल 4 मोबाइल, एक फर्जी फर्जी वसीयत और एक चाकू भी बरामद किया है। मृतक रक्षपाल के ऊपर 11 गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और वह मझिला थाने का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने घटना का 24 घंटे के अंदर खुलासा करने पर प्रभारी निरीक्षक शिव शंकर सिंह, सब इंस्पेक्टर संजय सिंह, सब इंस्पेक्टर रमेश सिंह, प्रभारी सुनील कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी ब्रजकिशोर सिंह, अतरौली थाना प्रभारी संतोष तिवारी, सर्विलांस सेल के आरक्षी मोहम्मद इरफान, आरक्षी सुभाष कुमार मौर्य समेत अन्य पुलिसकर्मियों को बधाई दी है।

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