June 18, 2025
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मिल्कीपुर(अयोध्या) ! एक तरफ जहां करोना वायरस संपूर्ण विश्व में अपना पांव पसार रहा है वहीं दूसरी तरफ पुलिसकर्मी, सफाई कर्मी, डॉक्टर एवं शिक्षक भी कोरोना से लड़ने के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं।रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती तथा भारतीय कला दिवस के अवसर पर स्वदेश संस्थान एवं सागर कला भवन अयोध्या द्वारा एक ऑनलाइन नेशनल ई पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।इस प्रतियोगिता में भारत के मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र उड़ीसा ,राजस्थान ,गुजरात व भारत के अन्य सभी राज्यों से 1000 से अधिक कलाकारों ने हिस्सा लिया था।इस प्रतियोगिता में शिक्षक संदीप चौधरी जो कि पलिया जगमोहन सिंह अयोध्या उत्तर प्रदेश के निवासी हैं ने भी प्रतिभाग किया और भारत के टॉप 100 कलाकारों में उनका नाम आया और सम्मान प्रमाण पत्र भी मिल।दूसरा सम्मान उन्हें नेशनल मदर ब्लेस अवॉर्ड विनर अवार्ड जो की सुनील कुमार आनंद भाभा विज्ञान क्लब गोंडा , विपनेट इंडिया, शांति फाउंडेशन भारत के द्वारा आयोजित किया गया था।आपको बताते चलें कि संदीप चौधरी एक चित्रकार ही नहीं बल्कि उभरते हुए संगीतकार एवं समाजसेवी भी हैं लोगों की हर संभव मदद करना इनका स्वभाव है ।उनका कहना है एक सम्मान उनको और मिलने वाला है जो कि बेसिक शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय मिशन अभ्युदय आईसीटी एवं ई पोस्टर प्रतियोगिता के द्वारा होगा ।प्रतियोगिता का आयोजन अभी कुछ दिनों पहले हुआ था जोकि प्रेम वर्मा जी एवं उनकी टीम द्वारा संचालित किया गया था। शिक्षा विभाग द्वारा मिलने वाला यहां उनका पहला सम्मान होगा और कहते हैं कि जीवन में सम्मान से बड़ा कुछ नहीं होता है। इस लाक डाउन के समय में चौधरी अपने घर पर ही तरह तरह की पेंटिंग्स बनाते रहते हैं हम संगीत का अभ्यास करते रहते हैं| सरकार द्वारा चलाई जा रही मिशन प्रेरणा ई पाठशाला में भी इनका योगदान सराहनीय रहा है।वर्तमान में संदीप चौधरी प्राथमिक विद्यालय दसौली शिक्षा क्षेत्र मिल्कीपुर जनपद अयोध्या में कार्यरत सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। रोज नए-नए प्रयोग,शिक्षण सहायक सामग्री के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं।आसपास के बच्चों को घर पर ही फ्री में शिक्षा देते रहते हैं और उन्हें प्रेरित करते रहते हैं , यही नहीं वह आर्थिक रूप से परेशान अभिभावकों की हर संभव मदद कर दी करते रहते है।इनका कहना है कि जो चित्रकारी और अन्य चीजें हमने सीखा है वह स्वयं से करके सीखा है ।अपनी सफलता का सारा श्रेय वह अपने पिता अंगनूराम पूर्व प्रधान अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेखनपुर मिल्कीपुर को देते हैं और कहते हैं सरकारी स्कूल में पढ़ कर सरकारी स्कूल में पढ़ाने पर हमें गर्व है।

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